Please share this to save people for save from such frauds .
उज्जैन: इंटरनेट से कमाई के लालच में मिला धोखा. मध्य प्रदेश के उज्जैन में ऑनलाइन जॉब के नाम पर चल रहे फर्जीवाडे में लोगों ने करोडों रुपए गंवा दिए.
आरोप है कि स्टे वेल नाम की एक ऑनलाइन कंपनी लोगों को चूना लगाकर गायब हो गई. एबीपी न्यूज ने पूरे मामले की पड़ताल की तो पता चला कि कंप्यूटर पर बैठकर विज्ञापन क्लिक और पेस्ट करने के बदले हर महीने हजारों की कमाई के लालच में कई लोग बर्बाद हो गए.
इन लोगों ने पैसे देकर आईडी खरीदी ताकि घर बैठे क्लिक करके पैसे कमा सकें. कुछ दिन तक तो उन्हें पैसे भी मिले, लेकिन बाद में कपनियां बंद हो गईं. उज्जैन के महाकाल मार्ग पर ही चार कंपनियों के दफ्तर थे जो अब बंद हो चुके हैं.
स्टे वेल कंपनी ने जयपुर में भी अपना दफ्तर खोला था लेकिन उज्जैन समेत मध्य प्रदेश के कई शहरों में ठगी सामने आने के बाद कंपनी के जयपुर के दफ्तर में भी ताले लग गए हैं.
पुलिस में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ये कंपनियां फरार हो गईं हैं. इस मामले में कंपनी का पक्ष सामने नहीं आया है लेकिन धोखाधड़ी करीब 50 करोड़ रुपये तक की बताई जा रही है.
कैसे होता है फ्रॉड?
कंप्यूटर का क्रेज युवाओं को इस योजना से जोड़ता गया. करना कुछ नहीं था सिर्फ कंपयूटर पर बैठकर क्लिक ही तो करना था.
दरअसल, इस धंधे में लगीं ऑनलाइन कंपनियों की वेबसाइट पर कुछ बड़ी और नामी कंपनियों के विज्ञापन लगे होते हैं. कंपनी दावा करती है कि उन विज्ञापनों पर हिट किए जाने पर विज्ञापन देने वाली कंपनियां पैसा देती हैं.
बस इसी दावे के जरिए लोगों को तगड़ी कमाई या रिटर्न का सपना दिखाकर मेंबर बनाया जाता है. अलग-अलग प्लान के हिसाब से 15 से 45 हजार रुपये लेकर मेल आईडी दी जाती है.
यही नहीं इसके लिए दस रुपये के स्टांप पेपर पर बाकायदा अनुबंध कराया जाता है. इसके बाद यूजर आईडी और पासवर्ड मिलता है जिसके सहारे साइट पर जाकर कुछ विज्ञापनों पर सिर्फ क्लिक करना होता है.
दो से तीन महीने के बाद कुछ हजार रुपये वापस मिलने लगते हैं. बस यहीं से मेंबरों में लालच बढ़ता है और एक आईडी वाला कुछ और पैसे खर्च करके कई-कई आईडी खरीद लेता है.
लेकिन जब पैसे मिलने बंद होते हैं तो सारा माजरा खुद-ब-खुद समझ में आने लगता है. दरअसल, फर्जी कंपनियों की वेबसाइट पर दिखने वाले विज्ञापन भी फर्जी ही होते हैं.
मध्य प्रदेश पुलिस के मुताबिक ये धोखाधडी का नया तरीका है जहां झूठे तरीके से हिट कराकर साइट की रेटिंग बढाई जा रही है. पुलिस को इस फर्जीवाड़े की और परतें खुलने की उम्मीद है.
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